- नेपालमा किराँतहरु पछि लिच्छवीहरुले शासन गरे ।
- उनिहरु भारतको वैशालीवाट नेपाल आएका थिए ।
- लिच्छवीहरु सुर्यवंशी राजा दशरथका ८ औं वंशज भएको मानिन्छ ।
- यस कालमा हरिदन्त, वृषदेव, शंकरदेव, धर्मदेव, वसन्तदेव, शिवदेव, अंशुवर्मा, उदयदेव, विष्णुगुप्त आदि राजाहरुले करिब ८०० वर्ष शासन गरेका थिए ।
- लिच्छवी कालमा आर्थिक सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक विकासमा महत्वपूर्ण योगदान पु¥याएका कारण यस काललाई नेपालको स्वर्णयुग मानिन्छ ।
- लिच्छीकालमा राजा मानदेव भन्दा अगाडिका राजा हरुको प्रामाणिक इतिहास नभेटिने भएकोले उनलाई नै प्रामाणीत राजा भनिन्छ ।
लिच्छवी कालिन विभिन्न पद र तिनका अर्थहरु
पद | अर्थ | पद | अर्थ |
सर्वदण्डनायक | न्यायाधिश | प्रधान | ग्राम प्रशासक |
माहासर्व दण्डनायक | प्रधान न्यायधिश | सामन्त | प्रशासक |
भट | सिपाही | प्रसाधिकृत | कार्यालय प्रमुख |
गौल्मिक | सेनानायक | आमात्य | मन्त्री |
भटनायक | सेनाध्यक्ष | युवराज | भावीराजा |
बलाध्यक्ष | सेनापती | दुतक | शाहि घोषणा प्रचार गर्ने |
प्रतिहार | द्धारे | भट्टारक | राजाको निजी सचिव |
शोल्लिक | जिल्लामा भन्सार शुल्क उठाउने | पिठाध्यक्ष | राजगदी नीरिक्षण गर्ने मुख्य व्यक्ति |
लिच्छवीकालिन करहरु
कर | अर्थ |
भाग | कृषि उत्पादनमा लगाइने कर |
भोग | पशुपालनमा लगाइने कर |
कर | बाणिज्यमा लगाइने कर (व्यापारमा) |
तैलकर | तेलमा लगाइने कर |
चैलकर | कपडामा लगाइने कर |
सिकर | काठमा सामाग्रीमा लगाइने कर |
मल्लकर | भैसीमा लगाइने कर |
मल्लयुद्ध,गोयुद्धकर | मनोरञ्जनमा लगाइने कर |
अपनकर | पसलमा लगाइने कर |